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प्लाज्मा थेरेपी क्या है – Plasma Therapy kya hai ।
प्लाज्मा थेरेपी क्या है – Plasma Therapy kya hai। दोस्तों आज के इस लेख में हम जानेंगे प्लाज्मा रक्त में मौजूद तरल पदार्थ होता है। यह पीले रंग का होता है। इसकी मदद से कोशिकाएं और प्रोटीन बॉडी के विभिन्न हिस्सों में ब्लड पहुंचाते हैं। बॉडी में इसकी मात्रा 52 से 62 प्रतिशत तक होती है। वहीं, red blood cells 38 से 48 फीसदी के बीच होते हैं।
Plasma Therapy का इत्तेहास ।
प्लाज्मा जानवरों से सीरम का उपयोग करके डिप्थीरिया के लिए पहला वैध परीक्षण 1892 में किया गया था। 100 साल पहले Emil von Behring को उनके काम के लिए physiology और medicine के लिए पहला नोबेल पुरस्कार दिया गया था, जिसमें दिखाया गया था कि प्लाज्मा का इस्तेमाल diphtheriaके इलाज के लिए किया जा सकता है।
प्लाज्मा थेरेपी क्या है – Plasma Therapy kya hai ।
संक्रमित मरीजों के इलाज में Plasma Therapy कारगर साबित हो रही है। कोरोना संक्रमितों को ऐसे व्यक्ति का Plasma दिया जाता है जो पहले Corona पॉजिटिव होकर सेहतमंद हो चुके हैं। यह भी जरूरी है कि जिस प्लाज्मा दानकर्ता और (रिसीवर) दोनों का ब्लडग्रुप एक ही हो। हमारे खून में चार प्रमुख चीजें होती हैं डब्ल्यूबीसी – आरबीसी – प्लेटलेट- पावर प्लाजमा। आज के दौर में किसी Hole Blood चारों समेत चढ़ाया नहीं जाता बल्कि इन्हें अलग करके जिनको जिस चीज की जरूरत हो वही चढ़ाया जाता है प्लाज्मा ब्लड में मौजूद 55% से ज्यादा पीले रंग का material होता है जिसमें water , salt के अलावा दूसरे एन्ज़इम्स होते हैं ऐसे में किसी भी सेहतमंद मरीज जिसमें एंटीबाडीज विकसित हो चुकी हैं का Plasma निकाल कर दूसरे व्यक्ति को चढ़ाना ही Plasma थेरेपी है।
प्लाज्मा कौन डोनेट कर सकता है।
जो लोग करोना रोग से सेहतमंद हो चुके होते हैं उनके अंदर एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी है सिर्फ वही लोग सेहतमंद होने के 28 दिनों बाद प्लाज्मा donate कर सकते हैं।
रक्तदान और प्लाज्मा दान में क्या फ़र्क़ है।
रक्तदान में सेहतमंद वयक्ति के शरीर से Blood लिया जाता है जबकि Plasma में व्यक्ति के शरीर से सिर्फ Plasma ही लिया जाता है और red blood cells , White blood cells ,और Platelets. वापस उस आदमी शरीर में पहुंचाए जाते हैं ऐसे में प्लाज्मा दान करने से शरीर पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता ।
प्लाज्मा आपको कैसे स्वस्थ रखता है?
प्लाज्मा कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यही कारण है कि ब्लड ड्राइव लोगों से रक्त प्लाज्मा दान करने के लिए कह रहे हैं। पानी, नमक और एंजाइम के साथ प्लाज्मा में भी अहम् हिस्से होते हैं। इनमें एंटीबॉडी, क्लॉटिंग कारक और प्रोटीन एल्ब्यूमिन और फाइब्रिनोजेन शामिल हैं। जब आप Blood Donate करते हैं, तो स्वास्थ्य healthcare प्रोवाइडर आपके प्लाज्मा से इन महत्वपूर्ण हिस्सों को अलग कर सकते हैं। इन भागों को तब विभिन्न उत्पादों में केंद्रित किया जा सकता है। इन उत्पादों को तब इलाज के रूप में उपयोग किया जाता है जो जलने, आघात, सदमे और अन्य Medical Emergency स्थितियों से पीड़ित लोगों की ज़िन्दगी को बचाने में मदद किया जा सकता है ।
Plasma में Protein और Antibody का उपयोग दुर्लभ पुरानी स्थितियों के उपचार में भी किया जाता है। इनमें ऑटोइम्यून विकार और हीमोफिलिया शामिल हैं। इन स्थितियों वाले लोग उपचार के कारण लंबा और अछि ज़िन्दगी जी सकते हैं। वास्तव में, कुछ स्वास्थ्य संगठन प्लाज्मा को “जीवन का उपहार” कहते हैं।
प्लाज्मा दान करने से क्या होता है ?
यदि आप दूसरों की ज़रूरत में मदद करने के लिए plasma donate करना चाहते हैं, तो आपको एक स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका रक्त सेहतमंद और सुरक्षित है। यदि आप प्लाज्मा Donner के रूप में अर्हता प्राप्त करते हैं, तो आप प्रत्येक अनुवर्ती यात्रा पर क्लिनिक में लगभग डेढ़ घंटा बिता सकते हैं । वास्तविक रक्तदान प्रक्रिया के दौरान, आपका रक्त एक हाथ में नस में रखी सुई के माध्यम से खींचा जाता है। एक विशेष मशीन आपके रक्त के नमूने से प्लाज्मा और अक्सर प्लेटलेट्स को अलग करती है। इस प्रक्रिया को plasmapheresis कहा जाता है। शेष लाल रक्त कोशिकाओं और अन्य रक्त घटकों को थोड़ा नमकीन (नमक) समाधान के साथ आपके शरीर में वापस कर दिया जाता है।
प्लाज्मा का इस्तेमाल कौन कर सकता है ?
ब्लड ग्रुप AB वाले लोगों में प्लाज्मा डोनेशन की सबसे ज्यादा डिमांड होती है। वे 50 लोगों में से सिर्फ 2 बनाते हैं, उनका प्लाज्मा सार्वभौमिक है। इसका मतलब यह है कि उनके प्लाज्मा का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति कर सकता है। प्लाज्मा थेरेपी क्या है read more
- रोगियों को उन लोगों से प्लाज्मा (या सीरम) के साथ आधान देना शामिल है जिन्होंने वायरस या बैक्टीरिया के प्रति एंटीबॉडी विकसित कर ली हैं।
- यदि किसी संक्रामक रोग के उपचार के लिए कोई दवा या टीका मौजूद नहीं है तो Convalescent blood एक विकल्प है। गैर-व्यावसायिक दान स्थलों पर, लोग हर 28 दिनों में, साल में 13 बार तक प्लाज्मा दान कर सकते हैं।
क्या प्लाज्मा दान करने से कोई खतरा है।
प्लाज्मा डोनेट करने वालों को कोई नुकसान नहीं होता है यहाँ तक की यह रक्तदान से भी ज्यादा आसान और safe है। प्लाज्मा दान करने से डर की कोई बात नहीं है। Hemoglobin में कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है प्लाज्मा दान करने के बाद मात्र एक या दो, पियाली पानी पीकर बेहतर महसूस कर सकते हैं।
प्रभावशीलता दिखाने वाला कोई निश्चित अध्ययन मौजूद नहीं है। 500ml प्लाज्मा दान करने में 30 से 45 मिनट का समय लगता है ।
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