मंईयां सम्मान योजना का कोई अतिरिक्त बोझ नागरिकों पर नहीं पड़ेगा,

मंईयां सम्मान योजना का कोई अतिरिक्त बोझ नागरिकों पर नहीं पड़ेगा: हेमंत सोरेन

झारखण्ड ब्यूरो:आरिफ कुरैशी की रिपोर्ट, Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की विकास की कार्ययोजना को लंबी दूरी को लेकर बनाने की आवश्यकता है. हमारा विजन ऐसा हो जिससे समग्र विकास संभव हो. सीएम ने ये बातें प्रोजेक्ट भवन सभागार में बजट पूर्व संगोष्ठी के समापन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कहीं.
उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना पर कई सवाल उठा रहे हैं कि कैसे भुगतान किया जायेगा. पर हम जनता को यह आश्वस्त करते हैं कि वे निर्भीक रहें और इस योजना के लिए किसी भी व्यक्ति पर अतिरिक्त बोझ़ नहीं डालेंगे. हम अपने संसाधानों ही मंईयां सम्मान योजना की राशि वितरित करेंगे. इस योजना से 55 लाख से अधिक महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपए दिए जा रहे हैं.

नौकरियों पर विशेष ध्यान
उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार व स्वरोजगार उपलब्ध कराने पर जोर देना चाहिए, नौजवानों को नौकरी उपलब्ध कराना जरूरी है, रोज वे आंदोलन कर रहे हैं ऐसे में इस समस्या का समाधान जरूरी है. बजट में नौकरियों पर विशेष ध्यान रहेगा. बजट में जो पैसे खर्च करने करने का प्रावधान होगा तो उसका क्या आउटकम होगा इस पर ध्यान रखना जरूरी है. बजट पर कृषि से लेकर उद्योग इत्यादि पर विशेष फोकस करने को कहा.

झारखंड में इनकम के स्रोत बढ़ाने की जरूरत, लगान दर में बढ़ोतरी जरूरी: वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर
वित्त् मंत्री झारखंड राधाकृष्ण् किशोर ने कहा की झारखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए हमें अपनी आय बढ़ाने की आवश्यकता है. आय के अन्य स्रोत को खोजने की जरूरत है.
वित्त मंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव को यह सुझाव भी दिया की ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि योग्य भूमि का लगान काफी कम है. आज भी 1932 का लगान वसूला जा रहा है. कहीं एक रुपये,1.50 रुपये या दो रुपये. ऐसे में यह काफी कम है. यह ठीक है कि आम जनता को अधिक बोझ़ नहीं देना है लेकिन वे राज्य के मुख्यमंत्री से इस बात कर के लगान दर बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं.
वित्त मंत्री अनुपयोगी योजनाओं को बजट में शामिल नहीं करने की हिदायत दी और कहा की आज कई सालों से भवन बने पड़े हैं जिनका कोई यूज नहीं हो रहा है आखिर ऐसा क्यों. अब जरूरत अनुसार ही भवनों का निर्माण होगा.
वित्त मंत्री ने ये बातें अबुआ बजट 2025-26 की तैयारी को लेकर विगत कई दिनों से चल रहे संवाद कार्यक्रम के समापन के अवसर पर प्रोजेक्ट भवन में कहीं. इस अवसर पर मुख्य सचिव अलका तिवारी, अविनाश कुमार, वितत सचिव प्रशांत कुमार, योजना विकास सचिव सहित सभी विभागों के सचिव व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

16,961 करोड़ के ग्रांट मिलना है मिला सिर्फ 4408 करोड़, अधिकारी बतायें क्यों
उन्होंने कहा की भारत सरकार ने 16,961 करोड़ का ग्रांट देने का फैसला लिया था, लेकिन मिले सिर्फ 4408 करोड़ ही. उन्होंने उपस्थित अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा की आखिर ऐसा क्यों हुआ.
केंद्र का कहना है की समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलता है इस वजह से राशि नहीं मिल रही है. ऐसे में अब अधिकारी स्वयं बतायें की इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं.
उन्होंने राजस्व बढ़ोतरी के लिए पर्यटन की दिशा में बेहतर कार्य करने को कहा. स्वयं सेवी संस्थाओं के उत्पाद को बढ़िया पैकेजिंग करके मार्केटिंग कराने पर जोर दिया. वित्त मंत्री ने कहा की सिर्फ अब टैक्स से राजस्व को बढ़ाया नही जा सकता है समग्र विकास करना होगा.

 

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