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प्रदूषण के प्रकार/types of pollution
दोस्तों आज हम इस लेख में जानेंगे प्रदूषण के प्रकार/types of pollution , जल प्रदूषण को रोकने के उपाय, प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं, वायु प्रदूषण के स्रोत इन सब पर कवर करेंगे। तो आइये जानते हैं ।
1 वायु प्रदूषण
वायु हमारी जिन्दगी का अत्यन्त आवश्यक तत्व है। जब हम सांस लेते है। तो आॅक्सीजन के साथ साथ कुछ अन्य गैसें और पदार्थ हमारे श्वसन तंत्र में प्रवेश करते है। जिसे मनुष्य को फेफड़ों से जुड़ी बिमारियां होती है।
वायु प्रदूषण रसायनों सूक्ष्म पदार्थों या जैविक पदार्थ के वातावरण में, मानव की भूमिका है जो मानव को या अन्य जीव जन्तुओं को या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। वायु प्रदूषण एक रासायनिक, भौतिक अथवा जैिवक कारक है जो वायु मंडल की प्राकृतिक विशेषताओं को बदल देता है। एक रासायनिक तत्व ऐसा कोई भी पदार्थ होता है जिसमें एक निश्चित रासायनिक संयोजन होता है। उदाहरण के लिए पानी के सैपल या नमूने की विशेषताएं और हाइड्रोजन आॅक्सीजन का अनुपात समान रूप से वही रहेगा चाहे वह सैंपल नदी से लिया गया हो या प्रयोगशाला में तैयार किया गया हो। एक विशुद्ध पदार्थ को किसी भी यांत्रिक प्रक्रिया द्वारा अन्य तत्वों में बांटा जा सकता है। घरों में पाए जाने वाले विशिष्ट रासायनिक पदार्थ है- जल, नमक (सोडियम क्लोराइड) और चीनी (सुक्रोज) आमतौर पर पदार्थों के तीन रूप पाए जाते हैं- ठोस, तरल, अथवा गैस और ताप एवं दबाव में बदलाव के अनुरूप इन द्रव्यों की स्थिति में परिवर्तन हो सकता है।
वायु प्रदूषण के कारण मौते और श्वास रोग होते है, वायु प्रदूषण की पहचान ज्यादातर प्रमुख स्थायी स्त्रोतो से की जाती है, पर उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्त्रोत मोबाइल आटोमोबाईल है, कार्बन डाईआॅक्साइड जैसी गैसे जो ग्लोबल वार्मंग के लिए सहायक है,हाल ही में प्राप्त मान्यता के रूप में मौसम विज्ञानिक प्रदूषक के रूप में जानते है, जबकी वे जानते हैं कि कार्बन डाईआॅक्साइड प्रकाश संश्लेषण के द्वारा पेड़ पौधों को जीवन प्रदान करता है।
यह वातावरण एक जटिल, गतिशील प्राकृतिक वायु तंत्र है जो पृथ्वी गं्रह पर जीवन के आवश्यक है। वायु प्रदूषण के कारण समतापमंडल से हुए ओजोन रिक्तीकरण को बहुत पहले से मानव स्वास्थ्य के साथ के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए संतरे के रूप में पहचाना गया है।
वायु में बहुत से तत्व है जो पौधों और पशु और पशुओं (मानव समेत) का स्वास्थ्य खराब कर सकते है या नजर खराब कर सकते है।
प्रदूषण के प्रकार/types of pollution
ओजोन:-
हमारा वातावरण एक सम्मिलित गतिशील प्राकृतिक गैसों से बना है जो पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक है। वायु प्रदूषण के कारण समताप मंडल की ओजोन परत को पहुंचने वाली हानि को काफी समय पहले से ही मानव स्वास्थ्य और पृथ्वी के पारिस्थितक तंत्र के लिए एक खतरे के रूप में स्वीकार किया जा युका है। आजोन क्षरण शब्द का प्रयोग देा विभिन्न परंतु संबोधित अवलोकनों की व्याख्या करने के लिए किया गया है पिछले बीस वर्षों के दौरान पृथ्वी के धु्रवीय क्षेत्रो में मौजूद समताप मंडल की ओजोन परत में विस्तृत रूप से मगर मौसमी हृास हुआ है। इनमें से दूसरी प्रक्रिया को सामान्यतः ओजोन छिद्र या ओजोन होल कहा जाता है।
धु्रवीय ओजोन होल के निर्माण की प्रक्रिया मध्य अक्षांश की सिंकुड़न प्रक्रिया से भिन्न है पर दोनों ही प्रवृत्तियों में एटोमिक क्लोरिन और ब्रोमीन द्वारा ओजोन के उत्प्रेरक विनाश को सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया माना जाता है। सामान्यतः नामक क्लोरोफ्लोरो कार्बन संयोजन और हैलोन्स नामक ब्रोमोफ्लोरो कार्बन समिक्षण के प्रकाश विघटन को समताप मंडल में हैलोजन अणुओं का प्रमुख स्त्रोत माना जाता है। पृथ्वी की सतह से उत्सर्जित होने के बाद यंे संयोजन समतापमंडल में चले जाते है। ओजोन परत की समाप्ति की दोनों प्रक्रिया के लिए और हैलान उत्सर्जन में होने वाली वृद्धि जिम्मेदार है।
ओजोन अवक्षय 1970 के दशक के बाद से पृथ्वी के समतापमंडल में ओजोन की कुल मात्रा में प्रति दशक लगभग चार प्रतिशत की धीमी लेकिन स्थिर कमी आ रही है, और समान अवधि के दौरान पृथ्वी के धु्रवीय क्षेत्रों के उपर समतापमंडल की ओजोन में अधिक लेकिन मौसमी कमी आ रही है। बाद वाली घटना को समान्यतः ओजोन छिद्र के रूप में जाना जाता है। इस जाने माने समतापमंडलीय ओजोन रिक्तीकरण के अलावा क्षोभ मंडलीय ओजोन रिक्तीकरण की घटनाएं भी पायी गई है। जो बसंत ऋतु के दौरान धु्रवीय क्षेत्रों की सतह के पास हेाता है। विस्तृत क्रियाविधी जिसके द्वारा धु्रवीय ओजोन छेद, मध्य अक्षांश रिक्तीकरण से भिन्नता रखता है, लेकिन दोनों प्रवृृत्तियों में सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है परमाणु क्लोरिक और ब्रोमीन द्वारा ओजोन का अपहृासी विनाश। क्लोरोफ्लोरो कार्बन, योगिकों का प्रकाश अपहृास, ये योगिक सामान्यतः फ्रेपोन कहलाते है, साथ ही ब्रोमोफ्लोरो कार्बन योगिक का प्रकाश अपघटन। इसका कारण है जो हेलोन कहलाते है। इन योगिकों का समतापमंडल में स्थानांतरण सतह पर उत्सर्जित होने के बाद होता है। और हेलोन की वृद्धि होने पर ओजोन रिक्तीकरण क्रियाविधी में भी वृद्धि होती है। और अन्य कारक पदार्थ सामान्यता ओजोन रिक्तीकरण पदार्थ कहलाते है। चूंकि ओजोन परत पराबैंगनी प्रकाश सबसे हानिकारक न्टठ तरंग पदार्थ (270-315दउ) को पृथ्वी के वायुमडन में प्रवेश करने से रोकता है , ओजोन में कमी इसी कारण से दुनिया में एक चिंता का विषय बना हुआ है, इसलिए मांन्ट्रियल प्रोटोकाल को अपनाया गया है, जिसके अनुरूप ब्थ्ब् और हेलोन के उत्पादक तथा अन्य ओजोन रिक्तीकरण रसायनों जैसे कार्बन टेट्रा क्लोराइड और ट्राईक्लोरो इथेन के उत्पादन पर रोक लगा दी गई है। ऐसा संदेह है कि कई प्रकार के जैविक परिणाम जैसे त्वचा कैंसर में वृद्धि पौधों की क्षति समुद्र के प्रकाश क्षेत्र में लेंक्सन की आबादी में कमी, ओजोन रिक्तीकरण के कारण बढ़ी हुई पराबैंगनी किरणों की वजह से है।
प्रदूषण के प्रकार/types of pollution
1994 में संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा 10 को विश्व ओजोन दिवस घोषित किया।
विश्वव्यापी वायु प्रदुषण बड़ी संख्या में मृत्यु और श्वास संबंधी रोगों के लिए उतरदायी है। सुयुक्त राष्ट्र अमेरिका स्वच्छ वायु अधिनियम जैसे बाह्यकारी वायु गुणवता मानकों ने कुछ प्रदुषक तत्वों मे कमी है। ग्लोबल वार्मिंग में योग देने वाली कार्बन डाइआॅक्साइड जैसी गैंसों को कुछ वैज्ञनिकों ने हाल ही में एक प्रदुषक तत्व के रूप में स्वीकार किया है कुछ वैज्ञानिकों ने इस गैस को जीवन के लिए आवश्यक मानकर इसे प्रदुषकों की श्रेणी में नही रखा।
वायु प्रदूषण के कुछ उदाहरण:-
1 – तंबाकू का धुंआ- तंबाकू से निकलने वाला धुंआ :
इमारतों के प्रदुषण का एक बड़ा रूप है। इसमें न केवल धुम्रपान करने वाला व्यक्ति प्रभावति होता है बल्कि इसका असर उन लोगों पर भी पड़ता है जो इस प्रंदुषित वायु को सांस द्वारा अंदर ले जाते हैं। धुम्रपान और फेफड़ों के कैंसर में बड़ा मजबूत संबंध है। धूम्रपान करने वालों और धूम्रपान करने वाली अजन्में शिशुओं की माताओं में ब्रान्क ब्रान्काईटिस नामक बीमारी आम होती है।
31 मई, को दुनिया भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
कुछ लोग यह कहकर सिगरेट पीते है। कि इससे फ्रेश महसुस होता है लेकिन एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते है। इसके अलावा एक सिगरेट में 4000 ऐसे केमिक्लस होते हैं जिससे कैंसर फैलता है दुनिया में हर सेकेंड में एक मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है और इस आंकड़े को 2020 तक 20 लाख तक पहुंच जाने की संभावना है।
2 वाहनों से निकलने वाली गैसें :-
वहनों से निकलने वाली गैसों से होने वाला प्रदुषण इस तरह की गैस समस्त वायु प्रदुषण के लिए 60 प्रतिशत और शहरो में 80 प्रतिशत प्रदुषण को जिम्मदार है। इन गैसों में बड़ी मात्रा में हानिकारक रसायन मौजूद होते है जो सबसे अधिक खतरनाक है।
3 कोयले का दहन:-
बिना किसी सावधानी के कोयला जलाने से गंभीर परिणाम हो सकते है। यदि हवा के झोंको से जहरीली गैसे न बह पाए तो इससे घातक प्रभाव हो सकते है और जो मृत्यु का कारण बन सकते है।
4 अम्लीय वर्षा :-
अम्ल वर्षा का प्रयोग उस प्रदुषण के लिए किया जाता है जब सल्फर और नाइट्रोजन डाईआॅक्साइड वातावरण की अर्द्रता के साथ मिश्रित रूप में बड़ी मात्रा में अम्लीय वर्षा हिमपात, ओलो या कुहरे का निर्माण करते है।
अबु नशर
एम.ए पाॅलिटिकल साइंस
रांची यूनिवर्सिटी, रांची
मो0 न0 9122377359
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