Antivirus क्या है और यह कैसे काम करता है?

Antivirus क्या है और यह कैसे काम करता है?

What is Antivirus(Antivirus Kya Hai) और यह  कैसे काम करता है ?

Antivirus Kya hai और यह कैसे काम करता है?

दोस्तों आज के इस लेख में हम जानेंगे एंटीवायरस क्या है और यह कैसे काम करता है ? तो आइए जानते है।  अगर आप कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको एंटीवायरस के बारे में थोड़ी जानकारी जरूर होनी चाहिए। कंप्यूटर वायरस आपके कंप्यूटर के लिए बहुत हानिकारक होता है इसलिए वायरस से बचाव के लिए आपके कंप्यूटर में एंटीवायरस होना जरूरी है। कंप्यूटर मेमोरी/हार्डडिस्क  में कई महत्वपूर्ण फाइलें होती हैं, इसके साथ ही हम पर्सनल फोटो, वीडियो, ई-चीजें कंप्यूटर में स्टोर करते हैं। एक कंप्यूटर वायरस इन महत्वपूर्ण फाइलों पर हमला करता है और उन्हें नुकसान पहुंचाता है।

एंटीवायरस क्या है, अब जानते है की एंटीवायरस कैसे इनस्टॉल करते है

यदि आप अपने कंप्यूटर को वायरस से मुक्त रखना चाहते हैं, तो आपको एक एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करना होगा। एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर में कंप्यूटर को वायरस से बचाने की क्षमता होती है। कंप्यूटर क्षेत्र में Anti  Virus का बहुत बड़ा उपयोग है, इसलिए सभी को इसके बारे में पता होना चाहिए। यदि आप भी जानना चाहते हैं एंटीवायरस क्या है और यह कैसे काम करता है?, तो आप सही जगह पर आए हैं।

इस लेख में हम कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस लेख में एंटीवायरस कैसे काम करता है, फायदे, नुकसान के बारे में सभी बुनियादी और महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की गई है। एंटीवायरस के बारे में पूरी जानकारी जानने के लिए इस लेख को आखिरी शब्द तक पढ़ें।

एंटीवायरस क्या है (What is Antivirus) ?

एंटीवायरस या एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर, जिसे Anti-Malwareके रूप में भी जाना जाता है, एक विशिष्ट कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर है जिसका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम से मैलवेयर का पता लगाने, उसे रोकने और हटाने के लिए किया जाता है। एंटीवायरस एक कोड है जिसे प्रोग्राम किया जाता है। सरल शब्दों में, एक एंटीवायरस एक सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर प्रोग्राम में सभी वायरस का पता लगाता है और उन्हें कंप्यूटर से हटा देता है।

एंटीवायरस कंप्यूटर को spyware, adware, ransomware, keyloggers, backdoors, Trojan horses आदि खतरनाक वायरस से सुरक्षित रखता है। एंटीवायरस कंप्यूटर मेमोरी में सभी फाइलों को सुरक्षा प्रदान करके सुरक्षा गार्ड की तरह कार्य करता है। इतना ही नहीं, नया अपडेटेड एंटीवायरस आपको सोशल इंजीनियरिंग, इंटरनेट बैंकिंग, फिशिंग, ई.

अपने कंप्यूटर पर चलने के लिए, आपको पहले इसे डाउनलोड और इंस्टॉल करना होगा। इनस्टॉल करने के बाद एंटीवायरस काम करना शुरू कर देते हैं। एंटीवायरस कंप्यूटर प्रोग्राम में प्रवेश करता है और सभी कोड को स्कैन करना शुरू कर देता है। यह कंप्यूटर की सभी फाइलों को स्कैन करना शुरू कर देता है और विभिन्न स्कैनिंग तकनीकों का उपयोग करके कंप्यूटर में वायरस का पता लगाता है। कंप्यूटर में वायरस का पता लगाने के लिए एंटीवायरस निम्न विधियों का उपयोग करता है।

5 एंटीवायरस के नाम :

1) Heuristic Based Detection

2) Sandbox Detection

3) Signature Based Verification

4) Data Mining Detection

5) Behavioral Testing

एंटीवायरस कंप्यूटर में वायरस का पता लगाता है और इसे स्थायी रूप से हटा देता है और कंप्यूटर में फाइलों को सुरक्षित करता है।

एंटीवायरस ऑनलाइन इंटरनेट के नए वायरस को कंप्यूटर से दूर रखता है। यदि आप इंटरनेट पर किसी असुरक्षित वेबसाइट पर जाते हैं, तो एंटीवायरस आपको तुरंत सूचित करता है कि कौन सी फाइल डाउनलोड करनी है, एंटीवायरस पहले उसे स्कैन करता है और सुरक्षित होने पर ही आपको डाउनलोड करने की अनुमति देता है।

एंटीवायरस का इतिहास

हम पहले बता चुके हगे कि Antivirus kya hai? अब जानते है कि पहला कंप्यूटर वायरस 70 साल पहले पैदा हुआ था। उसका नाम क्रीपर था। इस वायरस को 1971 में बॉब थॉमस ने BBN Technologies कंपनी में प्रयोग के लिए बनाया था। दरअसल यह कोई वायरस नहीं बल्कि एक एक्सपेरिमेंटल प्रोग्राम था। इस क्रीपर प्रोग्राम को मेन फ्रेम कंप्यूटर में एक खास कार्य के लिए रखा गया था।

उसी वर्ष, रे टॉमलिंसन नामक वैज्ञानिक ने क्रीपर कार्यक्रम को update किया। उन्होंने इसका नाम रीपर रखा। रे टॉमलिंसन बॉब थॉमस के सहायक कार्यकर्ता थे। अब इस अपडेटेड रीपर को पिछली क्रीपर की जगह लेना था। इसके लिए एक खास तकनीक का इस्तेमाल करते हुए क्रीपर वाले सभी कंप्यूटरों को ऑनलाइन रीपर से बदल दिया जाता है।

virus का पता लगाने और हटाने के लिए रीपर प्रोग्राम विकसित किया गया था। इस घटना से एंटीवायरस की अवधारणा सामने आई। तभी से CREEPER को दुनिया का पहला वायरस और REAPER को दुनिया का पहला ANTIVIRUS कहा जाने लगा। जर्मन सुरक्षा विशेषज्ञ बर्नड फिक्स ने 1987 में VIENA वायरस को REMOVE KARNE के लिए इस पद्धति का उपयोग करके सफलतापूर्वक एक एंटीवायरस बनाया।

एंटीवायरस के फ़ायदे और नुकसान

एंटीवायरस कंप्यूटर सुरक्षा के लिए एक वरदान साबित हुआ है, तो चलिये इसके फायदे और नुकसान सामने आते हैं।

एंटीवायरस के फायदे।

Antivirus kya hai इस बात को हम इस लेख में जान चुके है आईये जानते है एंटीवायरस के फायदे.

1) कंप्यूटिंग कला वायरस को सुरक्षित रखना।

2) आप अपने डेटा को ऑनलाइन मैलवेयर से सुरक्षित रख सकते हैं।

3) कंप्यूटर कला को सुरक्षित रखते हुए वायरस मूल फाइलों को डाउनलोड करता है ।

4) ऑनलाइन व्यवहार सुरक्षा प्रदान करें।

5) हार्ड डिस्क को ख़राब होने से बचाता है।

एंटीवायरस के नुकसान

2) कुछ  एंटीवायरस के इस्तेमाल करने से सिस्टम वास्तव में धीमा हो जाता है।

3) यदि एंटीवायरस किसी कृपट फ़ाइल को रिपेयर में विफल रहता है, तो वह उस फ़ाइल को हटा देता है।

4) अपडेट न होने पर एंटीवायरस अच्छे से काम नहीं करता है।

5) अभी आपको पूरी तरह आराम से बैठना नहीं है, आपको कुछ ध्यान रखने की जरूरत है।

इन एंटीवायरस को इस्तेमाल करके आप अपने कंप्यूटर को सेफ रख सकते हैं।

लोकप्रिय एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर

अब तो हम जान ही चुके है कि Antivirus kya hai और इसके क्या फायदे और नुकसान है, आईये अब जानते है कुछ लोकप्रिय एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के बारे में।

यदि आप अपने काम करने वाले कंप्यूटर या लैपटॉप के लिए सॉफ्टवेयर खरीदते हैं, तो आपको प्राप्त करने के लिए मुफ्त सॉफ्टवेयर उपलब्ध हो सकता है।

Kaspersky Antivirus

McAfee Antivirus Plus

Webroot SecureAnywhere Anti Virus

est nod 32 antivirus

Malware bytes Premium

Norton antivirus plus

sophos home premium

F-Secure Anti-Virus

निष्कर्ष

आप सभी जानते हैं कि तकनीक का युग है। ऑनलाइन युग में सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपको अपने कंप्यूटर को वायरस से मुक्त रखने के लिए एंटीवायरस का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए । इस से आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहेगी। अगर यह आर्टिकल अच्छा लगे तो अपने दोस्तों व परिचित लोगों को आवश्य शेयर करें।

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