Ramgarh : सामाजिक कार्यकर्ता आरिफ कुरैशी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश की गई केंद्रीय बजट को माध्यम वर्ग के जख्म पर नमक छिड़कने जैसा है, जब मध्यमवर्ग के पास पैसा इनकम है ही नहीं तो बारह लाख की इनकम पर टैक्स की छूट की बात करना बेकार की बातें हैं।
उन्होंने कहा कि संसद में केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख की इनकम तक कोई भी इनकम टैक्स नहीं लगेगा इससे मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है।
इसपर टिप्पणी करते हुए उन्होंने
कहा कि कोरोना के बाद से मिडिल क्लास की हालत खराब हो गई है, उनके आय निचे स्तर पर चला गया है वे कमा भी नहीं रहे हैं, उनका घर परिवार जैसे तैसे चल रहा है, आज मध्यम वर्ग की स्थिति यह है कि दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है, मध्यम वर्ग के शिक्षित बच्चे बेरोजगार होकर बेकार घर में पड़े हुए हैं घर के मुखिया को घर की और बच्चों के भविष्य की चिंता उन्हें खाए जा रही है।
कोरोनाकाल के बाद सौ प्रतिशत से घटकर दस प्रतिशत ही मध्यमवर्ग में बने हुए हैं, नब्बे प्रतिशत मध्यम वर्ग गरीब की श्रेणी में आ गए हैं, मध्यमवर्ग की हालत मोदी सरकार देखना नहीं चाहती है या उन्हें दिखाई नहीं दे रही है।
मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स से छूट देने की शिर्फ बातें हैं इस बजट से नौकरी पेशा, बड़े बड़े व्यवसाई और कॉरपोरेट घरानों को लाभ मिलेगा, मध्यमवर्ग की फायदा के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है।