दुमका: रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर झारखंड की उप राजधानी दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तिरंगा फहराया और झंडे को सलामी दी.
मुख्य समारोह शहर के पुलिस लाइन मैदान में आयोजित किया गया. इस अवसर पर स्थानीय विधायक बसंत सोरेन, शिकारीपाड़ा विधायक आलोक कुमार सोरेन, जामा विधायक डॉ लुईस मरांडी, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख के साथ कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
26 जनवरी के कार्यक्रम के दौरान संथाल परगना के आयुक्त लालचंद डाडेल, आईजी क्रांति कुमार, डीआईजी अंबर लकड़ा, जिला के उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे, एसपी पीतांबर सिंह खेरवार समेत तमाम वरीय अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे.
पुलिस लाइन मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह को देखने काफी संख्या स्थानीय जनता भी पहुंची थी. सीएम ने परेड निरीक्षण के दौरान जगह-जगह रुक कर उनका अभिवादन स्वीकार किया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर परेड का निरीक्षण किया. इस परेड में 14 प्लाटून शामिल थे. जिसमें प्रमंडल से आए सभी छह जिलों के पुलिस बल, आईआरबी, झारखंड आर्म्ड पुलिस और एनसीसी के जवान मौजूद थे.
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन ने जनता से अपील करते हुए कहा कि आज गणतंत्र दिवस पर हम ऐसे राष्ट्र और राज्य के निर्माण का संकल्प लें, जिसकी परिकल्पना हमारे संविधान निर्माताओं ने की है.
एक ऐसा राज्य जहां हर व्यक्ति का अधिकार सुरक्षित हो, सबको विकास का समान अधिकार प्राप्त हो और कमजोर से कमजोर व्यक्ति की भी आवाज सत्ता के उच्चतम स्तर तक पहुंच सके.
उन्होंने कहा कि हम एक मजबूत राज्य का निर्माण करने में तभी सफल होंगे जब लोगों के बीच जाति, नस्ल और रंग का भेद भुलाकर सामाजिक भाईचारा को सर्वोच्च स्थान दिया जाए.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वजों के त्याग, बलिदान और समर्पण की गौरवगाथा हमारा पथ प्रदर्शन करती रहेगी. मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर नेक नीयत, मजबूत इरादों और बुलंद हौंसलों के साथ हम सब मिलजुल कर प्रयास करें तो एक समृद्ध और खुशहाल झारखंड के निर्माण में जरूर सफल होंगे.
सीएम ने जनता का किया धन्यवाद
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में झारखंड में विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए हैं. यह चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा.
क्योंकि झारखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी सत्ताधारी दल ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है. वह भी प्रचंड बहुमत के साथ.