आरिफ कुरैशी की रिपोर्ट : नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया और विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को नकार दिया.
जेपीसी ने घोषणा की कि मसौदा रिपोर्ट 28 जनवरी तक सर्कुलेट कर दी जाएगी और फिर 29 जनवरी को इसे औपचारिक रूप से अपना लिया जाएगा.
समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएंगे. हालांकि, विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘नष्ट’ करने का आरोप लगाया.
‘पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया’
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, आज उन्होंने वही सब किया जो उन्होंने पहले से तय किया था. उन्होंने हमें कुछ भी बोलने नहीं दिया. किसी भी नियम और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया… हम संशोधनों पर कलॉज-बाय-क्लॉज चर्चा करना चाहते थे, लेकिन हमें बोलने ही नहीं दिया गया.”
उन्होंने कहा कि जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने संशोधन पेश किए और फिर हमारी बातों को सुने बिना ही उन्हें घोषित कर दिया… यह लोकतंत्र के लिए एक खराब दिन है. वहीं, पाल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को प्राथमिकता दी गई.
एनडीए के सभी संशोधन स्वीकार
पाल ने कहा कि एनडीए सदस्यों द्वारा विधेयक के 14 क्लॉज में पेश किए गए संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने भी कई संशोधन पेश किए थे. हालांकि, उनमें से सभी को खारिज कर दिया गया.
बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 8 अगस्त 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया गया था. शुरुआत में इसे शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन विस्तृत जांच के लिए इसे जेपीसी को भेज दिया गया.