Ranchi : विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले मंगलवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया. घोषणा पत्र में कांग्रेस ने जनता से कई वादे किए हैं. पार्टी ने सत्ता में आने के बाद 250 यूनिट बिजली फ्री देने, 1 साल के अंदर सभी सरकारी रिक्त पदों को भरने, 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने, ओबीसी व अन्य वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाने, आदिवासियों की सारना धार्मिक संहिता लागू करने, सुदूर ग्रामीण इलाकों में सरना आदिवासियों द्वारा चलाए जा रहे स्कूल को रेगुलर करने सहित कई वादे किए हैं.
घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष बंधु तिर्की ने बताया कि सभी वर्गों के विकास को ध्यान में रखते हुए घोषणा पत्र तैयार किया गया है. पार्टी ने सात गारंटी दी है. कांग्रेस घोषणाओं को सत्ता में आने के बाद पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि हर 6 महीने में घोषणाओं का सोशल ऑडिट किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि हम अपनी घोषणाओं पर अमल कर रहे हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में सभी वर्गों के विकास को ध्यान में रखा गया है. सरकार बनने पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. महिलाओं को सशक्त बनाया जाएगा.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो जारी करने के टाइमिंग पर भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत
प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस (झारखंड प्रदेश) द्वारा मंगलवार को जारी किए गए घोषणापत्र को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की है. इस संबंध में विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक (भाजपा) सुधीर श्रीवास्तव ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, झारखंड को लेटर भी लिखा है. कहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होना है. प्रथम चरण की मौन अवधि (साइलेंट पीरियड) 11 नवंबर को शाम पांच बजे से लागू है. इस अवधि में किसी पार्टी को किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार या प्रेस वार्ता या मेनिफेस्टो जारी करने पर सख्त मनाही है. जिस प्रकार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए मौन अवधि में सबके सामने रांची में मेनिफेस्टो जारी किया है, वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. आयोग के आदेशों को चैलेंज भी है. ऐसी स्थिति में मेनिफेस्टो जारी करने वाले कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इससे भविष्य में भी कोई भी पार्टी इस प्रकार का कार्य नहीं करेगी.